चीन की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप कंपनी DeepSeek ने हाल ही में अपना नया ओपन-सोर्स AI मॉडल DeepSeek-R1 लॉन्च किया है। यह मॉडल OpenAI के ChatGPT जैसे बड़े भाषा मॉडलों को टक्कर दे रहा है और वैश्विक टेक इंडस्ट्री में हलचल मचा रहा है।
DeepSeek-R1 की सबसे बड़ी खासियत इसका ओपन-सोर्स होना है, जिससे यह मुफ्त में उपलब्ध है। जबकि OpenAI जैसे बड़े खिलाड़ी अपने उन्नत मॉडल के लिए महंगी सदस्यता शुल्क लेते हैं, DeepSeek-R1 ने बिना किसी लागत के अत्याधुनिक AI तकनीक को दुनिया के लिए सुलभ बना दिया है। इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि यह अमेरिकी डाउनलोड चार्ट्स में शीर्ष स्थान पर पहुंच चुका है।
DeepSeek-R1 की सफलता का प्रभाव सीधे तौर पर अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर बाजार पर पड़ा है। Nvidia, Alphabet और Microsoft जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस ओपन-सोर्स मॉडल के कारण निवेशक अब महंगे अमेरिकी मॉडलों की बजाय DeepSeek-R1 जैसे किफायती विकल्पों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
हालांकि, इस मॉडल की सफलता ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। अमेरिकी नीति-निर्माता अब इस पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या चीन का AI प्रभुत्व वैश्विक AI सुरक्षा और टेक्नोलॉजी संतुलन के लिए खतरा बन सकता है। DeepSeek-R1 की सफलता ने न केवल AI के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा दिया है बल्कि ऊर्जा-कुशल और कम लागत वाली AI तकनीकों के विकास को भी प्रेरित किया है।